Meet 20 Rising Authors Of 2022 – Babita Jain

श्रीमती बबीता भरूंट (जैन )का जन्म चेन्नई 11 नवंबर 1974 को हुआ । उन्होंने अपनी पढ़ाई राजस्थान में संपन्न की। बचपन से ही उनकी रूचि किताबें पढ़ने की रही। विशेष कर इतिहास की। 13 साल की अल्पायु में ही उन्होंने कविता बोलना वह लिखना शुरू कर दिया था।
और आज भी वह सामाजिक एवं पारिवारिक प्रोग्रामों में संयोजन करती है।
सपना आईएस बनने का था। लेकिन आज वह अपना पूरा ध्यान लेखनी में दे रही है। उसी के अंतर्गत वह अग्रसर होती जा रही है। अभी हाल फिलहाल में ही We are poets, The inner soul, कुछ अनसुने शब्द,एंड karma में उनकी कविताएं प्रकाशित हुई है। First news स्थानीय पत्रिका में भी उनकी रचनाएं प्रकाशित हुई है। उत्सव ए रोशनी, पंख उड़ान की, अंदाजे ए बयान , आजादी की मशालें मेंभी उनकी रचनाएंप्रकाशित हुई है। कैसी भी परिस्थिति हो वह अपनी सकारात्मक सोच हमेशा बनाए रखती है।
मिजाज
फितरत कुछ तो आशिकाना रखो,
कीमती है यारी हमारी मिजाज ठीक रखा करो।
गुजर रहे हैं लमहे,
वक्त हमारे लिए निकाला करो।
सूरत पे नहीं सीरत में ध्यान रखा करो।
चांदनी रातों में तुम भी झलक दिखलाया करो।
संवाद ना हो तो फासले बन जाते हैं,
अल्फाज हमारे लिए कुछ तो बोला करो।
अंदाजा कैसे लगाऊं तुम्हारी मोहब्बत का
कभी तो स्नेह अंकन किया करो।।